शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2010

तेरी याद में





खुद ही को भूल सा गया हूं मै,
क्यों इतना याद आती हो तुम्।
कभी तो सामने आ ज़ाओ मेरी ज़ान,
क्यों इतना सताती हो तुम्॥

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