रविवार, 21 अक्तूबर 2012

छोड दे सादिक, आज जाने दे मुझे ।



छोड दे सादिक, आज जाने दे मुझे ।
मेरे यार की खबर अब लाने दे मुझे ।।
वो भूली है सब कुछ मेरी जुदाई से ।
आज उसकी याद मे मिट जाने दे मुझे ।।
बेवफ़ा नही है वो, ये आज समझा हूं ।
तसव्वुर मे अपनी उसे लाने दे मुझे ॥
तमन्ना है 'अंकित' की फ़कत, उसको पाने की ।
फ़िर से उसकी बाहों मे खो जाने दे मुझे ॥

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