नक्श, क्या आप मेरी सौगंध खाकर कह सकते है कि आप मुझसे प्रेम करते है । नही नक्श नही । आप मुझ्से प्रेम नही करते । आपको तो मात्र अपना मन बहलाने के लिए किसी की आवश्यकता है । चाहे वो मै होऊं या कोई और, आपको इससे कोई फ़र्क नही पडता । ना तो आपके लिए मेरी भावनाओं का कोई मोल है, और ना ही मेरे आंसुंओं का । किसी की भावनाओं को आहत करनें में ही आपकों प्रसन्न्ता का अनुभव होता है । आज मुझे ये अहसास हो रहा है और अब मुझे ये कहने में कोई हिचक नही है कि आप मेरे लायक नही है नक्श, लायक नही है । मै बहुत थक गई हूं नक्श । मुझे प्रेमी के रूप में ऐसे इंसान की जरूरत थी जो कठिन समय में मेरा सहारा बने, मुझे समस्याओं से उबार सकें, मेरी कठिनाइयों को कम कर सके , किंतु यहां तो परिस्थितियां बिल्कुल विपरीत है । आप मुझे समझना तो दूर, बल्कि और अधिक परेशान करनें को तत्पर रहते हैं । शायदमुझे कष्टों में देखकर ही आपकों प्रसन्नता होती हो ।
किंतु नक्श क्या आपने कभी ये भी सोचा है कि मै किस अवस्था में रह रही हूं । एक आप ही तो है जिनसे मै कुछ उम्मीद कर सकती हूं । लेकिन आप भी………। मै कुछ नही चाहती नक्श । आप मुझसे अच्छे से बात भर कर लें । इतने से ही संतोष मिल जायेगा मुझे कि आपने मुझसे अच्छें से बात तो की । अब मै आपसे इससे ज्यादा की उम्मीद भी नही करती ।
ऐसा नही है कि मेरी चाहत समाप्त हो गई है । अगर आप मेरे विषय में ऐसा सोचते है, तो आप गलतफ़हमी के शिकार है । वैसे भी गलतफ़हमी मे रहना तो आपको अच्छा लगता है । आपका यही व्यवहार मेरे कष्टों का कारण है । आप मेरी समस्या नही हो, मेरी समस्या है आपका व्यवहार । मेरा दिल आज भी आप ही के प्यार के दीयों से रोशन होता है नक्श, आज भी इन आंखों में आप की ही परछाई बनती है, आज भी दिल की सूनी गलियों में आप की ही आवाज़ गूंजती है , और आज भी आपसे मिलन के लिए मेरा ह्रदय व्याकुल रहता है । किंतु आप ना जाने मुझे कब समझ पायेंगे नक्श, ना जाने कब……
- पलक, आपकी यादों में अपलक
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Kintu naks kya apne kabhi ye bhi socha hai ki mai ki avastha me rah rahi hu. Ek aap hi to hai jinse mai kuch ummed kar sakti hu.lekin ap bhi. mai kuch nahi chahti naks. ap mujhse achche se baat bhar kar le. Itne se hi santosh mil jayega mujhe ki apne mujhse achche se baat to ki. mujhe aapse isse zyada ki ummed bhi nahi hai
Aisa nhi hai ki meri chahat samapt ho gayi hai. agar aap aisa sochte hai to aap galatfehmi ke shikaar hai. waise bhi galatfehmi me rahna to apko achcha lagta hai.apka yahi vyavahar hi mere kasto ka karan hai. Aap meri samsya nhi ho, meri samasya hai apka vyavahar. mera dil aaj bhi aap hi ke pyaar ke diyo se roshan hota hai naks, aaj bhi in aankho me aapki hi parchaui banti hai, aaj bhi dil ki sooni galiyo me aapki hi aawaaj gunjati hai, aaj bhi aapse milan ke liye mera hradya vyakul rehta hai.kintu aap na jane kab mujhe samajh payenge naks, na jane kab.......
-palak, aapki yado me apalak.
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