शुक्रवार, 8 नवंबर 2013

प्रेम-पत्र 10

पलक, 
        मेरी प्रेरणा, मेरा विश्वास हो तुम । अगर तुमसे मेरा साथ छूटा, तो जिंदगी से सांसे छूट जायेंगी, दिल से धडकन जुदा हो जायेगी, आंखों से रोशनी दूर हो जायेगी । तुम्हारे बगैर जीवन की कल्पना, नही , नही, ये कदाचित संभव नही है । तुमसे जुदा होने का विचार मन में आते ही दिल में अचानक घबराहट होने लगती है । ऐसा प्रतीत होता है जैसे मेरा वजूद मुझसे छूटा जा रहा है और मै असहाय-सा उसे जाते हुए देख रहा हूं । ऐसा लगता है कि हमारे प्यार को किसी की नज़र लग गई है । सब कुछ विफ़लता के दरवाजों की ओर जाता दीख रहा है । 

        मै तो तुम्हे सांसों में, दिल में, धडकन में, आंखों में बसा लेना चाहता हूं । तुम्हारे ह्रदय को अपना बना लेना चाहता हूं । तुम्हारे ह्रदय में स्वयं के लिए प्रेम की लौ जलाना चाहता हूं जो शाश्वत जलती रहे और हमारे प्रेम को हमेशा बढाती रहे । मेरी अब एक ही इच्छा शेष है कि मै जीऊं तो तुम्हारे लिए, नही तो सब व्यर्थ । 

        मै इस तथ्य को स्वीकार करता हूं कि जो भी हुआ, उसका दोषी मै, और सिर्फ़ मै, हूं । लेकिन मै नही चाहता कि उसकी सजा तुम भुगतो । अगर तुम मुझसे दूर हुई, तो इस प्रकार तो मेरे साथ-साथ तुम भी दूर होने का कष्ट भोगोगी । मै नही चाहता कि तुम किसी भी कारण से परेशानी में रहो, ना मेरे कारण और ना ही किसी और की वजह से । अगर गलतियां मैने की है तो सजा भी मै ही भुगतूंगा । और शायाद तुम्हारा गुस्से से भरा व्यवहार ही मेरी सजा है । तुम्हारा मुझे सजा देना तो जायज है, किंतु मुझसे रूठना मत, कभी भी नही पलक, कभी भी नही । मेरा बस इतना कहा मान लो कि: 


सजा दो मुझको मेरी खता की ।
ना रूठो मुझसे यूं इस तरह तुम ॥



        पलक, मै अपनी जिंदगी जी चुका हूं । मेरा शेष जीवन सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारा है । तुम जैसे चाहो मेरी जिंदगी जियो । अगर चाहो तो मेरे आंसू पोंछ दो, अन्यथा इन्हे पलकों पर ही सूखकर जम जाने दो । रात में रोते-रोते कब आंखे लग जाती है, पता ही नही चलता , जब थोडा होश आता है और आंखे खुलती है , तो फ़िर से यादों का बवंडर दिल को झकझोर कर घबराहट में डुबा देता हैं । 

        मै ना कोई गिला-शिकवा करना चाहता हूं , और ना ही कोई शिकायत । तुम्हे याद करना चाहता हूं ,तुम्हारी यादों में खोना चाहता हूं , तुम्हारी पलकों पर बसना चाहता हूं , तुम्हारी आंखों में डूबना चाहता हूं । 

        ये समय मेरे लिए बहुत कठिन है पलक । आज मुझे तुम्हारी, तुम्हारे साथ की सबसे ज्यादा आवश्यकता है । मै संभलने का भरसक प्रयास कर रहा हूं । और मुझे ज्ञात है अगर तुमने मेरा साथ दिया तो ही मै संभल पाऊंगा, अन्यथा नही । अब निर्णय तुम्हारे हाथ में है पलक, कि तुम मेरे साथ हो या नही । अगर तुम साथ रही तो संभल जाऊंगा, नही तो खुदा जाने क्या हश्र होगा इस पागल दीवाने का ।

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